5 अदभुत फैक्ट्स हिंदी में ???? | Amazing Facts In Hindi

दोस्तों दुनिया में ऐसे ऐसी चीजें और उनसे जुड़े फैक्ट्स हैं जो लोगों को उस विषय पर सोचने पर मजबूर कर देते हैं

अब अगर बात करें, क्या इंसान के मरने के बाद फिंगरप्रिंट लॉक को खोला जा सकता है या फिर दोस्तों AK47 का नाम ak-47 कैसे पड़ा और दोस्तों सरकार को ₹2000 का नोट छापने में कितना खर्चा आ जाता है। और दोस्तों क्या आपको मालूम है कि तिब्बत के ऊपर से कोई भी हवाई जहाज क्यों नहीं गुजरता।

यह सभी सवाल हम सभी के दिमाग में कहीं ना कहीं होते जरूर हैं लेकिन इनका सही जवाब ढूंढना भी उतना ही ज्यादा कठिन मालूम पड़ता है।

इसलिए आज मैं आप सभी के सामने पांच ऐसे फैक्ट्स लेकर हाजिर हूं जो आपको शुरू में तो हैरत में डाल देंगे और लेकिन साथ ही में कुछ नया भी सिखाएंगे ।

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अदभुत फैक्ट्स हिंदी में (Amazing Facts In Hindi)

आइए शुरू करते हैं विस्तार से:

01. तिब्बत के ऊपर से कोई भी हवाई जहाज क्यों नहीं गुजरता ?

तिब्बत जो कि भारत और चीन के बीच का पड़ोसी देश है जो दुनिया भर में अपनी एक अलग ही पहचान रखता है जिसे लोग दुनिया की छत के नाम से भी जानते हैं ।

तिब्बत उन कुछ चुनिंदा देशों में से एक है जहां पर हवाई जहाज की सेवा उपलब्ध नहीं है ऐसा इसलिए क्योंकि तिब्बत समुंद्र से काफी ज्यादा ऊंचाई पर है और पहाड़ों से घिरा हुआ है जिस वजह से वहां पर दुर्घटना होने के Chances ज्यादा है।

टीम हिबबेटस जो कि एक विमान विशेषज्ञ हैं उनके अनुसार तिब्बत दुनिया का सबसे कम दाब वाली जगह है जिस वजह से वहां पर केवल 20 मिनट तक ही ऑक्सीजन को उपलब्ध करवाया जा सकता है ।

और इन सभी चीजों को देखते हुए यह माना गया है कि तिब्बत के ऊपर से हवाई जहाज में यात्रा कराना बिल्कुल Impossible है । यह जगह इतनी ज्यादा खतरनाक है कि अब तक दुनिया भर से केवल 8 पायलट ही यहां पर अपना विमान उतारने में सफल हुए हैं

और इन सभी चीजों को देखते हुए तिब्बत पर से किसी भी विमान के गुजरने को लेकर सख्त पाबंदी है।

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02. सरकार को ₹2000 का नोट छापने में कितना खर्चा आ जाता है?

जैसा कि दोस्तों आप सभी जानते हैं  की जब भारत देश में नोटबंदी हुई तो लोगों को काफी सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और उसी में भारत सरकार ने ₹2000 का नोट लोगों के सामने Introduce किया।

वैसे तो 2000 का नोट मार्केट में आने में काफी समय लगा लेकिन उसी दौरान काफी सारे लोगों ने आरटीआई फाइल करते हुए यह जानने की कोशिश की, कि ₹2000 के नोट को बनने में आखिर कितना खर्च आता है।

और दोस्तों मजेदार बात यह है कि आरबीआई ने इसका काफी Detailed जवाब भी दिया । जवाब में आरबीआई ने बताया कि भारतीय नोटों को, भारतीय रिजर्व बैंक नोट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा छापा जाता है जो कि एक सब्सिडियरी है।

साथ ही में उन्होंने बताया कि 2000 के नोटों का हजार पीस का एक बंडल उन्हें 3540 रुपए का पड़ता है इसका मतलब यह है कि उन्हें ₹2000 का एक नोट बनाने में करीब ₹3.50 पैसे की लागत आती है।

और कुछ इस प्रकार से आरबीआई ने और दूसरे नोटों को बनाने में जो खर्च आता है उन्हें भी बताया, जिसमें उन्होंने बताया है कि ₹5 का नोट बनाने में उन्हें 48 पैसे, ₹10 का नोट बनाने में 96 पैसे, ₹20 का नोट बनाने में 1 रुपय पचास पैसे, ₹50 का नोट बनाने में एक रुपए 81 पैसे और ₹100 का नोट बनाने में उन्हें एक रुपए 79 पैसे की लागत आती ।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको आपके सवाल का जवाब मिल गया होगा।

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03. क्या इंसान की मृत्यु के बाद उसके फिंगर से फिंगरप्रिंट लॉक को खोला जा सकता है या नहीं?

दोस्तों जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ रही है अपने साथ काफी सारे सवालों को लेकर भी वह लोगों के सामने आ रही है

जिसमें से एक बड़ा ही रोचक सवाल यह भी है और दोस्तों इसका जो जवाब है वह जानकर आप हैरान हो सकते हैं ।

वैसे तो इस सवाल का जवाब एक शब्द में देना कठिन है । ऐसा इसलिए क्योंकि इसके दो जवाब है

जब कोई व्यक्ति फिंगरप्रिंट लॉक अपने स्मार्टफोन पर लगाता है तो स्मार्टफोन केवल फिंगर्स को ही स्कैन नहीं करता है बल्कि उंगलियों के अंदर के इंपल्स को भी मापता है।

और जब कोई व्यक्ति मर जाता है तो उसके शरीर के अंदर की इंपल्स काम करना बंद कर देती हैं और अगर इंपल्स मैच नहीं करेंगे तो फोन का लॉक नहीं खुलेगा ।

लेकिन साथ में अगर फोन Old Version है और उस फोन का फिंगरप्रिंट स्कैनर इंपल्स को स्कैन नहीं करता है तो इस Situtation में मरे हुए व्यक्ति के Thumb स्कैन से भी लॉक को खोला जा सकता है ।

मैं उम्मीद करता हूं कि आप सभी को यह फैक्ट काफी ज्यादा पसंद आया होगा।

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04. AK47 बंदूक का नाम ak-47 ही क्यों रखा गया?

तो दोस्तों इसके पीछे एक काफी मजेदार और इंस्पायरिंग कहानी है

मिखाईल कलाश्निकोव जोकि दूसरे विश्व युद्ध में एक टैंक कमांडर थे चोट लग जाने की वजह से उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा।

और जब उन्हें इस बात का पता चला कि सोवियत राइफल्स की खराब परफॉर्मेंस के कारण सैनिकों को घायल होना पड़ा तो उन्हें इस बात से बहुत ज्यादा दुख हुआ और उन्होंने फैसला किया कि वह इसमें कुछ चेंजस करेंगे।

उसके बाद लगातार पांच साल तक कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने सन 1947 में AK-47 से पर्दा उठा दिया ।

Ak-47 जिसका पूरा नाम ऑटोमेटिक कलाश्निकोव जिसे इसके फाउंडर मिखाईल कलाश्निकोव के नाम पर रखा गया और 47 इसलिए क्योंकि इसे सन 1947 में लांच किया गया था ।

और दोस्तों AK-47 दुनियाभर में अपने सटीक निशाने को लेकर काफी ज्यादा मशहूर है Experts की मानें तो यह 300 मीटर तक काफी आसानी से सटीक निशाना लगा सकती हैं और यदि शूटर अच्छा हुआ तो वह 800 मीटर तक भी बिल्कुल सटीक निशाना लगा सकता है।

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05. भारत के पहले रॉकेट से जुड़े फैक्ट्स

दोस्तों 21 नवंबर 1963 भारत के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक । जी हां दोस्तों यह वही दिन था जब भारत के पहले रॉकेट ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी ।

लेकिन दोस्तों क्या आपको मालूम है कि हमारे देश का जो पहला रॉकेट था उसे साइकिल पर लाया गया था। भारत के पहले रॉकेट लॉन्च का पेड़ तिरुवंतपुरम के पास थुमबा नाम के एक गांव में नारियल के पेड़ के पास बनाया गया था।

उस समय वैज्ञानिकों ने एक कैथोलिक चर्च को अपने ऑफिस के रूप में यूज किया जिसमें डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जैसे काफी सारे युवा और महान वैज्ञानिकों ने काम किया ।

दोस्तों जब रॉकेट को लॉन्चिंग पैड तक ले जाने की बारी आई तब उस समय उसे साइकिल पर ले जाया गया था और दोस्तों क्या आपको मालूम है कि दूसरे रॉकेट लॉन्च के लिए बैलगाड़ी का उपयोग किया गया था ऐसा इसलिए क्योंकि वह आकार में काफी ज्यादा बड़ा था ।

दोस्तों यह सभी चीजें हमें सिखाती हैं कि कठिनाइयां केवल एक परीक्षा होती हैं जिसे पास करके आपको आगे बढ़ना चाहिए ना की हिम्मत हार के वहीं रुक जाना चाहिए।

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आज के ब्लॉग पोस्ट में बस इतना ही मैं उम्मीद करता हूं कि आपको हमारा यह ब्लॉग पोस्ट, ” अदभुत फैक्ट्स हिंदी में” (Amazing Facts In Hindi) से काफी सारे नए और रोचक फैक्ट्स जानने को मिले होंगे और साथ ही में काफी कुछ नया सीखने को भी मिला होगा।

यदि आपका इस ब्लॉग पोस्ट से जुड़ा कोई भी सुझाव सवालिया फिर शिकायत है तो उसे हमारे साथ कमेंट में जरूर से सांझा कीजिएगा।

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